पत्थर पूजा तो क्या पूजा ,
दिल पूजै तो जानू !
जो अपने माँ बाप को पूजै ,
उसे श्री राम सा मानु !
भक्ति से मुक्ति है ,
भक्ति ही मोक्ष का मार्ग !
जो मन माँ बाप को पूजै ,
वो मन श्री राम समान !
दिल में भक्ति का ज्योत जगालो ,
मन मंदिर में माँ बाप !
दिल से जो सेवा करे उनकी ,
वही तन बैकुंठ जाय !
भले संग भला होगा ,
बुरे संग बुरा !
जैसी जिसकी सोच ,
वैसा ही उसका भाग्य !
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