दुसरो के टुकड़ो पे पलना तू छोड़ ,
ये आलस अपना तू अब तो तोड़ !
दुसरो पर बोझ बनकर जीना तू छोड़ ,
मुश्किलें होंगी आसान मेहनत से नाता जोड़ !
दुसरो के कंधे पर बंदूख रख्ख चलाना तू छोड़ ,
हैं सब चालाख यहाँ अपनों से नाता तू जोड़ !
होंगे सब पास तेरे दिलों को तोड़ना तू छोड़ ,
मंजिल तेरे पास हैं अपनी आँखे तो खोल !
उम्र ये तेरा बीत रहा दुसरो को सताना छोड़ ,
करके अच्छे कर्म यहाँ प्रभु से नाता जोड़ !
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