मेरे बाद जमाने में मेरा यही निशा होगा ,
दोस्तों के दिल में मेरा भी आशियाना होगा !
जमाना चाहे कितना ही बेदर्द हों ,
मरने के बाद सारा काफिला साथ होगा !
जीते जी जो हो न पाया वो मरने के बाद होगा ,
मेरे अपनों का साया आज मेरे साथ होगा !
जो कभी नफरत की नजर से देखते थे कभी ,
उनकी भी आँखो में आज आसूँ होगा !
जिसके प्यार को हम तरस गए ,
मरने के बाद उनका भी साथ होगा !
इस जहाँ में कही भी रहना सुखी रहना ,
हर बहती आँखों में यही पयाम होगा !
आखरी पल आखरी साथ होगा ,
जब निकले साँस लबो पर उनका नाम होगा !
मेरे बाद मेरा यही तराना होगा ,
मेरी यादें मेरी बाते और ये गजल होगा !
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