दिल की बात होंठों पर लाकर मुस्कुरा रहे हो !
दूर से ही झलक दिखाकर जला रहे हो !!
मुस्कुरा रहे हो ,खिल खिला रहे हो !
यूँ ज़ुल्फ़ों को मटकाकर ललचा रहे हो !!
मटका रहे हो , इठला रहे हो !
यूँ मचलकर महेफ़िल में आग लगा रहे हो !!
आँख लड़ा रहे हो , होंठ दबा रहे हो !
यूँ सहलाकर ख़ुद को क्यों हमें जला रहे हो !!
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