वक़्त की डोर से , आवाज देता हैं कोई ।
छुप छुप कर , अपना भी नाम लेता हैं कोई ।।
सिसकता हैं कोई , बिलखता हैं कोई ।
अपने भी सलाम पर , मरता हैं कोई ।।
सम्भलकर सम्भलकर , दिल मे आता हैं कोई ।
सपना किसी और का , मिलता हैं कोई ।।
सताता हैं कोई , मनाता हैं कोई ।
रहे रहे कर दिल को, जलाता हैं कोई ।
पिता हैं कोई , बहकता हैं कोई ।
अपने भी कलम पर , मरता हैं कोई ।।
छुप छुप कर , अपना भी नाम लेता हैं कोई ।।
सिसकता हैं कोई , बिलखता हैं कोई ।
अपने भी सलाम पर , मरता हैं कोई ।।
सम्भलकर सम्भलकर , दिल मे आता हैं कोई ।
सपना किसी और का , मिलता हैं कोई ।।
सताता हैं कोई , मनाता हैं कोई ।
रहे रहे कर दिल को, जलाता हैं कोई ।
पिता हैं कोई , बहकता हैं कोई ।
अपने भी कलम पर , मरता हैं कोई ।।
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