Wednesday 23 February 2022

क़िस्मत का लिखा मिटाने चले हो क्यों अपना दिल जलाने चले हो

 क़िस्मत का लिखा मिटाने चले हो 

क्यों अपना दिल जलाने चले हो 


रातों को जागकर कोई बिछड़ा मिलता नहीं 

क्यों दिल को ऐसे झूठ से बहलाने चले हो 


हुस्न के गली से बचकर निकल जा 

क्यों अपना सब कुछ  लुटाने चले हो 


जिस्म की भूख बड़ी कुत्ती चीज़ हैं 

क्यों इसके पीछे अपना सब कुछ मिटाने चले हो 


सच्चा प्यार तो माँ बाप के कदमों में हैं 

क्यों हुस्न के जाल में खुद को फ़साने चले हो 


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