ख़यालों ही ख़यालों में एक ख़याल आया
क्या तुम्हें कभी मेरा ख़याल आया…?
कितने टुकड़ों में टूटकर बिखरे हैं
क्या कभी ये ख़याल आया…?
कैसे कटता होगा दिन कैसे कटती होगी रात
क्या कभी
ये ख़याल आया…?
दर्द और आँसुओ में कितने पन्ने बह गए
क्या कभी ये ख़याल आया…?
कभी तो तेरा भी मुझसा हाल होगा
क्या कभी ये ख़याल आया…?
Writer:- Presha Virani
#everyonehighlightsfollowers
#ख़यालों ही ख़यालों में एक ख़याल आया
क्या तुम्हें कभी मेरा ख़याल आया…?
कितने टुकड़ों में टूटकर बिखरे हैं
क्या कभी ये ख़याल आया…?
कैसे कटता होगा दिन कैसे कटती होगी रात
क्या कभी ये ख़याल आया…?
दर्द और आँसुओ में कितने पन्ने बह गए
क्या कभी ये ख़याल आया…?
कभी तो तेरा भी मुझसा हाल होगा
क्या कभी ये ख़याल आया…?
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