ग़म के सागर में डूब कर तु क्या पाएगा !
ऐसे ही रहा तो एक दिन खुद के आंसुओं में डूब जाएगा !!
तैरना भी तो आता नहीं तुझे दुनिया के सागर में !
भटक गया जो इस सागर में , तो कैसे इसपार आएगा !!
मत कर भरोसा इन चंद पल के रिश्तों पर !
वरना देखना एक दिन तु इनसे ही धोखा खाएगा !!
किसी एक के लिए अपनो को छोड़ने वालों !
अगर अपने ही खो गए , तो कहाँ से उनको ढूँढ के लाएगा !!
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