बहूँ बेटियाँ लूट रहीं ,
और तमाशा देख रहा संसार !
ये जनता यूँही मुर्दों की तरह खड़ी देख रही.....
अब आप बताइए यहाँ ज़िंदा कौन हैं !!
भूखे मर रहे ग़रीब बच्चे ,
और कोई खाना बर्थ नालों में फ़ेक रहा !
ये जनता यूँही मुर्दों की तरह खड़ी देख रही.....
अब आप बताइए यहाँ ज़िंदा कौन हैं !!
सच्चाई का दम घोटा जा रहा ,
और झूठ चौराहे पर नाच रहा !
ये जनता यूँही मुर्दों की तरह खड़ी देख रही.....
अब आप बताइए यहाँ ज़िंदा कौन हैं !!
आज माँ बाप सारे वृद्ध आश्रम में पल रहे ,
बड़े बुज़र्गो का हो रहा चारों और अपमान !
ये जनता यूँही मुर्दों की तरह खड़ी देख रही.....
अब आप बताइए यहाँ ज़िंदा कौन हैं !!
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