Saturday, 19 May 2018

मैं कलम वो शब्द थी

मैं कलम वो शब्द थी
मैं तब था जब वो संग थी

अब काहे की शायरी
अब काहे का प्यार

अब कौन से नग़मे
अब काहे का साज

छुटा उसका साथ
टूटा तेरा यार

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