अब संसार मे इतना किल्लत क्यो हैं
बड़ो का हो रहा जिल्लत क्यों हैं
जाना हैं जब सब को वही
फिर लोगों का बुरा ख़सलत क्यो हैं
लोगों में इतनी नफरत क्यों हैं
भरी इतनी ग़फ़लत क्यो हैं
क्यों हैं सब जुदा जुदा
कोई तो बताए ये इल्लत क्यों हैं
घर घर मे आज अदालत क्यों हैं
नियत आज सबकी गलत क्यो हैं
ए ख़ुदा अब तू ही समझा
फैला इतना जहालत क्यों हैं
बड़ो का हो रहा जिल्लत क्यों हैं
जाना हैं जब सब को वही
फिर लोगों का बुरा ख़सलत क्यो हैं
लोगों में इतनी नफरत क्यों हैं
भरी इतनी ग़फ़लत क्यो हैं
क्यों हैं सब जुदा जुदा
कोई तो बताए ये इल्लत क्यों हैं
घर घर मे आज अदालत क्यों हैं
नियत आज सबकी गलत क्यो हैं
ए ख़ुदा अब तू ही समझा
फैला इतना जहालत क्यों हैं
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