देखा हैं चुप चुप सिसकते हुवे
अरमानो को घर मे जलते हुवे
कई अरसे बीत गए उनके
होंठो पर हँसी खिलते हुवे
पेट की आग ने जला दिया
लोगों के ताने ने रुला दिया
पिलाती रही जिस जिस को प्यार के घुट
उन्हीं ने आँसू पिला दिया
सहती रही सब कुछ हँस कर
नहीं कहा उसने कभी बस कर
समझा ही नहीं कभी उसको किसीने
रख दिया उसको बस मसलकर
कब उसको जीवन का नया अध्याय मिलेगा
एक नया प्यार का पर्याय मिलेगा
नारी तू महान हैं ,
न जाने कब तुझको यहाँ न्याय मिलेगा
अरमानो को घर मे जलते हुवे
कई अरसे बीत गए उनके
होंठो पर हँसी खिलते हुवे
पेट की आग ने जला दिया
लोगों के ताने ने रुला दिया
पिलाती रही जिस जिस को प्यार के घुट
उन्हीं ने आँसू पिला दिया
सहती रही सब कुछ हँस कर
नहीं कहा उसने कभी बस कर
समझा ही नहीं कभी उसको किसीने
रख दिया उसको बस मसलकर
कब उसको जीवन का नया अध्याय मिलेगा
एक नया प्यार का पर्याय मिलेगा
नारी तू महान हैं ,
न जाने कब तुझको यहाँ न्याय मिलेगा
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