आकर यादों में , यूँ सताया न करों ।
ऐसे दिल का हाल , बताया न करों ।।
नहीं रहता होश फिर बाकी मुझमे ।
लगाकर चाँद माथे पर आया न करों ।।
दिल पर रहता नहीं काबू मेरा ।
यूँ कमर अपनी लचकाया ना करों ।।
करवटों में ही गुजर जाती हैं रात ।
यूँ सज धज कर दिखाया ना करों ।।
ढूंढता हूँ तुझे न जाने कहाँ कहाँ ।
अपनी खुशबू हमे सुंघाया ना करों
मैं तो क्या लूट जाते हैं ये दुनियाँ वाले भी ।
यूँ अपनी चमक , बिखराया ना करों ।।
#ॐTiwari
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