उसने माँगी थी मौत मेरी इस लिए हम गुज़र गए ,
हम अपने प्यार के ख़ातिर मौत से लड़ गए !
उनके दिए हुवे जहेर को हम अमृत समझकर पी गए ,
हम अपनी मौत का ख़ुद तमाशा देखते रहे गए !
उनको बिठाकर ऊँचाई पे हम ख़ुद नीचे गिर गए ,
क्या बताऊँ यारों हम उनकी चाहत में क्या क्या कर गए !
उनकी हर बेवफ़ाई को हम वफ़ा समझते रहे गए ,
एक बेवफ़ा से दिल लगाकर हम जीते जी मर गए !
उनकी हर बद्दुआ को हम दुआ समझते रहे गए ,
हम अपनी ही बर्बादी पर जश्न मानते रहे गए !
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