Friday, 29 April 2016

दिल में बसा कर मैं तुझको , अपनी रानी बनाऊँगा ! तेरे प्यार के आँचल से , मैं सारे घर को सजाऊँगा !

दिल में बसा कर मैं तुझको ,
अपनी रानी बनाऊँगा !
तेरे प्यार के आँचल से ,
मैं सारे घर को सजाऊँगा !

चारों ओर होगा प्यार ही प्यार ,
नफ़रतों से दूर एक जहाँ बनाऊँगा !
 दिल से दिल का जहाँ हो संगम ,
मैं ऐसा एक आशियाना बनाऊँगा !

मैं दुश्मनों के भी दिल में ,
एक प्यार का फूल खिलाऊँगा !
मैं हर अँधियारे से लड़ने ,
एक प्यार का दीप जलाऊँगा !

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