बेग़ाना मुझे पल में कर गई वो !
न आया तूफ़ान न आया सैलाब ,
न जाने क्यूँ हमसे रूठ गई वो !
कुछ दूर साथ आकर मुँह मोड़ गई वो ,
प्यार जताकर दिल तोड़ गई वो !
एक पल लगा अब तो कोई अपना मिला ,
सपने दिखाकर फिर दिल तोड़ गई वो !
लहेरो की तरह आकर निकल गई वो ,
शोहरत के लिए मेरा इस्तेमाल कर गई वो !
मैंने समझा भगवान वो निकली पत्थर ,
चंद पैसों के ख़ातिर रिश्ता तोड़ गई वो !
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