आज दुनिया में ये ,
कैसा समय आया हैं !
आज नर को मैंने ,
नारी के भेष में पाया हैं !
अपने हीं लिंग पर उन्हें ,
लगता हैं विश्वाश नहीं !
नर के खाल में वो ,
नारी सा पेश आता हैं !
क्रीम पावडर लगाकर ,
लहराता शर्माता हैं !
लड़का होकर भी ,
एक लड़की सा सरमाता हैं !
चाल ढाल बोल चाल ,
सब लड़की जैसे !
लड़का होकर भी वो ,
लड़के से आशिक़ी फ़रमाता हैं !
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