चंद पल का राही हूँ कुछ पल में गुजर जाऊंगा ।
सजाकर नग़मे तेरे ख़यालों में मैं ठहर जाऊंगा ।।
मैं तेरी निशानियाँ अपने नग्मों में छोड़ जाऊंगा ।
मैं तेरा दिल अपनी तरफ मोड़ जाऊंगा ।।
हर शब्दों में होगा दिदार तेरा कुछ ऐसा लिख जाऊंगा ।
मैं तेरे प्यार में सनम हद से गुज़र जाऊंगा ।।
निकला हूँ तेरे दिल से न जाने अब किधर जाऊंगा ।
लगता हैं जैसे सनम मैं तड़प तड़प कर मर जाऊंगा ।।
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