हैं वहीं मेरा प्यार का ठिकाना !
यूँही गाते मुस्कुराते रहे ,
अपना ये सारा दोस्ताना !
हों मुश्किल में न घबराना ,
सर उठाकर आवाज़ लगाना !
मंज़िल हैं मेरी दोस्तों की ख़ुशी ,
जब चाहे तुम मुझे आवाज़ लगाना !
लोगों को देखकर न ख़ुद कभी बदलना ,
दल दल चारों ओर देखो कहीं फँस न जाना !
दोस्ती का लहेर हूँ मैं तु दोस्ती का सागर ,
हैं अपनी मिसाल इस दुनिया में दोस्त कहीं तु बदल न जाना !
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