ज़्यादा नहीं ख़्वाहिश मुझको ,
बस अपना पता बतातीं जा !
हम लूट गए हैं तेरे प्यार में ,
मेरे दिल में घर तु बसाती जा !
न समझ कमीना मुझको ,
इस मर्ज़ की दवा बताती जा !
हम मर जाएँगे यूँही ,
बस कमर तु बलखाती जा !
इस प्यार के दहेलिज पर ,
तु भी क़दम बढ़ाती जा !
हूवा हैं तुमसे प्यार मुझको ,
आ अपनी माँग सजाती जा !
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