Friday, 1 January 2016

उस राह से बर्बाद आ रहा हैं कोई

फक्र से प्यार की राह पे चले थे जो ,
उस राह से बर्बाद आ रहा हैं कोई !

प्यार के दरिया में जो तैरने चले थे  ,
उस दरियाँ से बे जान आ रहा हैं कोई !

अपना बनाकर यूँ लूटा हैं उसने ,
उस प्यार के नाम से डरा हूवा आ रहा हैं कोई !

प्यार के झाँसे में यूँ उलझा हैं कोई ,
के उनके दर से नाराज़ आ रहा हैं कोई !

बड़े बे आबारू होके उनके चौखट से निकले ,
के उस चौखट से तूफ़ान आ रहा हैं कोई !

हैं शोर दिल में के तूफ़ान आ रहा हैं कोई ,
के आँखो में लिए सैलाब आ रहा हैं कोई !

आज प्यार ने क्या क्या रंग दिखलाया ,
के उस रंग में भूचाल आ रहा हैं कोई !

सुना हैं प्यार तो खुदा का रूप हैं ,
के उस खुदा के दर से नाराज़ आ रहा हैं कोई !

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