अपनी चाहतों को , यूँ ज़ाया न कर !
बनकर पहेली यूँ आया न कर !!
जीवन मिलता नहीं फिर , इसे यूँही ज़ाया ना कर !
अपनी ख़ुशी के लिए किसी का दिल दुखाया ना कर !!
हैं जो साथ ये लम्हा , इसे तू ज़ाया ना कर !
कह दे दिल की बात यूँ होंठ सिलाया ना कर !!
वक़्त फिर लौट आता नहीं ‘’ओमकर’’ !
यूँ दिल की बातों को तू छुपाया ना कर !!
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