प्यार दो दिलों में यूँही पलता रहेगा !
सिलसिला मिलन और जुदाई का यूँही चलता रहेगा !!
खोल दे दिल उनके सामने !
कब तक घुट घुट कर तू यूँही मरता रहेगा !!
न डर ज़माने से करना हैं जो करों !
लोगों का क्या उनके आँखों में तू यूँही खलता रहेगा !!
चलता चल मंज़िलों पर आए चाहे कितनी भी मुश्किल !
कब तक तू यूँही ‘ओमकर’ डरता रहेगा !!
No comments:
Post a Comment