ॐTiwari
Tuesday, 22 March 2016
मैं एक जनम का नहीं , जनम जनम का साथी हूँ !
मैं एक जनम का नहीं ,
जनम जनम का साथी हूँ !
मन की आँखों से देखो तो ,
मैं कब तुमसे जुदा हु !
ये सीमायें ये जात पात के बंधन ,
प्यार करने वालों को जुदा नहीं कर सकती !
मरता तो ये शरीर हैं ,
मैं कहा तुमसे जुदा हूँ !
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