Wednesday, 16 March 2016

मैं अपने लिए अब क्या माँगू उस रब से , एक आपको देकर उस रब ने मुझे सब कुछ दे दिया हैं !

मैं अपने लिए अब क्या माँगू उस रब से ,
एक आपको देकर उस रब ने मुझे सब कुछ दे दिया हैं !
अब और कुछ तमन्ना नहीं मेरी ,
एक तुझे पाकर मैंने सारा जहाँ पा लिया हैं !

राह थी मुश्किलों भरी थे दुश्मन बने अपने सारे ,
एक आप ने मेरा साथ निभाकर सारे जहाँ को झुका दिया हैं !
नहीं मिला हमें प्यार सारे ज़माने का तो क्या ,
एक आप को पाकर सारे जहाँ का प्यार पा लिया हैं !

कल तक जिन ख़ुशियों से अंजान था आज ,
एक तुझे देकर उस खुदा ने ख़ुशियों का संसार दे दिया हैं !
यू तो पतझड़ में कभी बहार आती नहीं ,
एक आप को पाकर जैसे पतझड़ में बहारों को पा लिया हैं !

यू तो दुनिया में कई मुस्कान ने कई यो को लूटा ,
बस एक आप के मुस्कान ने रोते हुए को हँसा दिया हैं !
यू तो चलता रहा सदा हीं काँटों पर बस एक आपने ,
मेरा हाँथ थामकर काँटों को फूल बना दिया हैं !

No comments:

Post a Comment