Friday, 4 March 2016

इस जनम में ना मिली तो , उस जनम की आस लगाए बैठे है !

इस जनम में ना मिली तो , उस जनम की आस लगाए बैठे है !
हम तेरे इंतज़ार में जाना , अपनी आँखे लगाए बैठे हैं !

तेरे संग बिताए हर पल की , याद जगाए बैठे हैं !
हम अपने दर पर , अपनी लाश बिछाए बैठे हैं !

तेरी फिर आवाज़ सुनने , हम कान लगाए बैठे हैं !
तेरी मुस्कान के इंतज़ार में , हम जान गँवाए बैठे हैं !

तेरे एक एक लफ़्ज़ों पर , हम गीत बनाए बैठे हैं !
हम तेरे प्यार में , अपनी दुनिया भुलाए बैठे हैं !

न जाने वो क्यूँ हमसे , रूठ बैठे हैं !
उनके इंतज़ार में हम , बर्बाद हुवे बैठे है !

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