Wednesday, 2 March 2016

सपनो की दुनिया से , एक हसीन आइ हैं !

सपनों की दुनिया से ,
एक हसीन आइ हैं !
लेकर आँखो में ख़्वाब ,
निंदिया आइ हैं !
लेकर आया उड़न खटोला ,
यादों का बादल !
सुर छेड़े जो रात कीड़ों ने ,
तो आइ सुनाने लोरियाँ जुगनू सारे !
जहाँ इतनी मधुर रात हो ,
वहा इन आँखो को नींद कैसे न आए !

No comments:

Post a Comment