किस पर करूँ भरोसा अपना ,
साया ही हमसे बेवफ़ा हो गया !
दिल से चाहा था जिसे ,
आज वही बेवफ़ा हो गया !
किनारे पर खड़ी कश्ती थी ,
और न कोई तूफ़ान था !
मेरे इस दिल में बस ,
उसी बेवफ़ा का नाम था !
उसी का नाम ले ले कर ,
अब तो हम पीते हैं !
पीते क्या हैं यारों ,
हम पीते हैं इसीलिए जीते हैं !
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