दूर होकर भी पास हैं हम ,
थोड़े खुश थोड़े नाराज हैं हम !
अलग अलग हैं जिस्म हमारा ,
पर दो जिस्म एक जान हैं हम !
मुझको ये पता नही कौन हैं हम ,
तुमसे कितनी दूर कहा हैं हम !
बस मेरी मंजिल हैं तू ,
और तेरे तलबगार हैं हम !
मुझको खुद की खबर नही ,
तेरे प्यार में बस बेहाल हैं हम !
कही भी जाऊ तुझे पुकारू ,
तेरे प्यार में बेकरार हैं हम !
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