हसरत भरी निगाह से ,
हमें यूँ ना देखा करों !
ज़माना जान जाएगा ,
यूँ इशारे ना किया करों !
यूँ पास बुलाकर ,
क़लई न मरोड़ा करों !
रूसवाइयों का डर हैं ,
यूँ बाँहों में ना लिया करों !
अभी तो बाली उमर हैं मेरी ,
यूँ हमसे ना खेला करों !
प्यार के इस फूल को ,
अभी बगिया में ही महेकने दो !
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