Monday, 1 February 2016

कोई अपना

अँधेरा भी एक दिन मुस्कुराएगा ,
जब हर कोना कोना दीप से जगमगाएगा !

इस रात को फिर मज़ा आएगा ,
जब कोई चाँद उसकी आग़ोश में आएगा !

ये दर्द आज नहीं तो कल थम जाएगा ,
जब कोई अपना तुझे ही रुलाएगा !

मौत से भी एक दिन प्यार हों जाएगा ,
जब ज़िंदगी में तुझे भी कोई अपना ठुकराएगा !

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