Thursday, 18 February 2016

आपकी तारिफ़ में मैं क्या कहूँ

आपकी तारिफ़ में मैं क्या कहूँ ,
आपको जहाँ का प्यार मिले !
जों आए राहों में काँटे तो ,
खुदा करे हर उस काँटों को फूल का रूप मिले !

जिस राह से चलो आप ,
हर वो राह हो ख़ुशियों भरा !
जो आए मुश्किल तो वो मुझे मिले ,
तेरा हर सफ़र हो प्यार भरा !

जो लगे कभी धूप तुझे तो ,
आसमान के आँचल का छांव मिले !
जब सताने लगे ये ज़माना तो ,
उस खुदा का तुझे साथ मिले !

शायरी सब करते हैं तेरे हुस्न पर ,
तुझपर जो शायरी करे मुझे ऐसा कोई बता !
हसीन चेहरे के सब दीवाने होते हैं ,
कोई तेरा दीवाना हो तो बता !

कभी देखा सुना नहीं तुझे ,
मगर तु होगी ज़रूर खुदा !
वरना इस नाचीज़ को ,
कोई नहीं चाहता इतना !

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