नवाबों सा जो तेरा ख़्वाब हैं सनम ,
नसीबों से ज़्यादा न मिलेगा तुझे सनम !
गुलाबों की एक कली थीं कभी तु सनम ,
शराबों की प्याली बन गई अब तुम सनम !
डुबो रक्ख़ा हैं ख़ुद को शराबों में तूने जो सनम ,
हिज़ाबों में रहेना कब तूने सीखा सनम !
ख़्वाबों में ही मिलेंगे अब तुम्हें सनम ,
किताबों में हीं मिलेंगे अब तुम्हें सनम !
Writer :- ॐTiwari
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