Monday, 15 February 2016

बंद कमरों में ये कैसा प्यार

ये कैसा प्यार ये कैसा वेलेंटाइन ,
जिस्माना रिश्ता जिस्माना प्यार !
कॉलेज उनका बना गेस्ट हाउस ,
बंद कमरों में ये कैसा प्यार !

बंद कमरों में ये.........

प्यार पल रहा अब बंद कमरों में !
प्यार का मोल अब सिर्फ़ जिस्मानी रिश्तों में !
प्यार की ये परिभाषा गूँज रहीं हैं गली गली ,
बंद कमरों होटलों में खिल रहीं हर कली कली !

बंद कमरों में ये.........

प्यार का आज रूप रंग हैं अलग अलग ,
शादी से पहले जाती हैं सब अब फिसल फिसल !
हाय अब इस भारत देश की कौन लाज बचाए ,
अपने ही हाँथों लूटा रहीं आज इज़्ज़त सारी !

बंद कमरों में ये.........

 पाक पवन रिश्ते का अब बदल रहा रूप हैं ,
प्यार के नाम पर हो रहा अब गंदा खेल हैं !
जहाँ देखो वही सड़कों पर चिपके बैठे है ,
इस पावन रिश्ते को कर रहे बदनाम हैं !

बंद कमरों में ये.........

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