आज दुःख हैं तो कल सुख होगा !
मत डर प्यारे अंधेरों से कल फिर सवेरा होगा !!
आज दुःख हैं तो कल सुख होगा !
मत डर प्यारे अंधेरों से कल फिर सवेरा होगा !!
उसे सजाकर गीतों में गुनगुनाने लगा हूँ ।
सुना हैं मैं उसके ख्वाब में अब रोज आने लगा हूँ ।।
किसी के इश्क़ में यू खो गए हैं !
वो मेरी नहीं फिर भी उसी के हो गए हैं !!
फसे हैं गीत कई ।
तुम आओ तो संगीत बन जाए ।।
कुछ पल तेरा साथ हो ।
तो फिर एक नया गीत बन जाए ।।
तेरी हर अदा लिखूँ इस तरह शब्दों में ।
के एक नई गज़ल बन जाए ।।
हुस्न और कलम मिले कुछ इस तरह ।
के फिर एक नया इतिहास बन जाए ।।
हर इंसान के दिल मे बस गए
हर तूफानों का वो रुख मोड़ गए
बिता दी सारी उम्र देश के नाम
कुछ अलग हटके ही था अंदाज उनका
था फौलादी सीना उनका
तूफ़ान भी डरता था ऐसा क़लम था उनका
आया जीते जी रूह उनका देश के नाम
ऐसे महान हस्ती को शत शत प्रणाम
रूप रंग पर मरने वाले
एक दिन ख़ून के आँसू रोएँगे
उम्र ढलते ही जिस्म ढल जाएगा
ये रूप रंग, ये हवस के साथी सब साथ छोड़ जाएँगे
तब उम्र के उस पड़ाव में और कोई नहीं
बस एक सच्चा साथी काम आएगा
टूट कर रहे गया सपना मेरे इश्क़ का !
बहे गया आँखों से अफ़साना मेरे इश्क़ का !!
खुदा करे मिले तुझे तेरी मंज़िल !
अब तो गाएगा वक़्त तराना मेरे इश्क़ का !!
करोड़ों में खेलने वाली क्या समझेगी इश्क़ को !
अधूरा ही रहे गया फँसाना मेरे इश्क़ का !!
उनकी नज़र में कवड़ी का मेरा मोल नहीं !
बेमोल रहा ख़ज़ाना मेरे इश्क़ का !!
करता हूँ आख़री सलाम सब को !
उठ रहा हैं जनाजा मेरे इश्क़ का !!
मैंने तुझसे मोहब्बत की हैं
कोई ज़िस्म फरोशी नहीं कि हैं
चाहत हैं बस रूह की
जिस्म की फरमाइश नहीं कि हैं
दूर रहकर भी पास रहती हो ।
कुछ न कह कर भी तुम बहोत कुछ कहती हो
छुप छुप कर नज़र रखती हो ।
तुम मुझे वहीं खाबों की रानी लगती हो ।।
भेष बदलकर फिरती हो ।
हमे पता हैं तुम हमपर मरती हो ।।
ख्वाबों में रोज़ मिलती हो ।
बात करूं किसी से तो जलती हो ।।
खुद को हमसे छुपाती हो ।
सनम तुम भी हमपर बड़ा जुर्म ढाती हो ।।
दिल मे उठा हैं दर्द तो भी मुस्कुराते चलिए
हर हाल में गीत गुन गुनाते चलिए
चार पल का हैं डेरा यहाँ
हर पल में मौज मनाते चलिए
तेरा मेरा का बैर छोड़
सबको साथ मिलाते चलिए
कोई न हो पाए जुदा किसी से
कुछ इस तरह माहौल बनाते चलिए
जिससे रिश्ता नहीं कोई
उसकी भी रक्षा कर दो
सब की रक्षा का तुम
आज प्रण कर लो
तुमसे मांगे कोई मदत
उससे पहले तुम मदत कर दो
लूट न पाए किसी की आबरू
आज सब ये प्रण करलो
हैं वो ख़याल तो उसे ख़याल ही रहने दो
इश्क के बीमार को बीमार ही रहने दो
बेनाम हैं जो रिश्ता उसे बेनाम ही रहने दो
राज हैं वो उसे राज ही रहने दो
हैं वो निगाह कातिल तो उसे कातिल ही रहने दो
बेवफा हैं वो उसे बेवफा ही रहने दो
अंजान हैं तुझसे वो उसे अंजान ही रहने दो
हैं वो बवाल उसे बवाल ही रहने दो
बात हैं जो खास उसे खास ही रहने दो
दिल की बात हैं दिल मे ही रहने दो
दिल के अरमानों को अरमान ही रहने दो
हम हैं शायर बदनाम हमे बदनाम ही रहने दो
पल में बदल जाएगी ये कुर्सी
तुम बोलो मैं वो सरकार ला दूंगा
बस जागने की हैं देर
फिर देखो क्रांति का सैलाब ला दूंगा
सोया हुवा शेर हूँ जागा तो
भ्रष्ट नेताओं के लिए मौसम मैं खराब ला दूंगा
समझना ना हम जनता को नादान
चाहे जब सरकार हिला दूंगा
मुद्दतों बाद जिसपर दिल आया
मैं उसी को रुसवा कर आया
लगाकर इश्क़ का रोग
मैं ख़ुद को कहीं दूर छोड़ आया
बसा कर उसे दिल में
मैं ख़ुद को उसमे तड़पता छोड़ आया
कुछ मजबूरियाँ थी हालातों की
कुछ उसने भी था ज़ुल्म ढाया
डुबोकर ख़ुद को आँसुओं में
मैं अपनी मोहब्बत उसिमे छोड़ आया
सच बताया तो वो मुकर गए ।
नज़रों से नजर वो फेर गए ।।
दिल से चाहा था जिसे वो साथ छोड़ गए ।
मेरी चाहतों का वो गला घोंट गए ।।
फासला बताकर उम्र का वो संग छोड़ गए ।
मोहब्बत को वो उम्र के तराजू में तोल गए ।।
दिल से दिल को वो यूँ जोड़ गए ।
उनसे दूर होकर भी हम उनमें रहे गए ।।
तुझे दिल मे बसाकर तेरी पूजा करूँगा ।
मैं सारी उम्र तेरा इन्तज़ार करूँगा ।।
अपने प्यार को यूँही याद करूँगा ।
मैं इश्क में खुद को बर्बाद करूँगा
यूँही उम्र भर आहें भरूँगा ।
मैं सिर्फ तुझसे ही प्यार करूँगा।।
यूँहीं दिल से तुझे याद किया करूँगा ।
मैं तड़प तड़प कर तेरा नाम लिया करूँगा ।।
सारी उम्र तेरी पूजा करूँगा ।
मैं अब ना इश्क दूजा करूँगा ।।
हर जनम मीले तूं यहीं कामना करूँगा ।
मैं जन्मों जनम तुझसे ही प्यार करूँगा ।।
न जा मुझसे यू रूठकर ,
न जा यूँ दिल तोड़कर ।
कहेता हूँ आज भरी महफ़िल में ,
चाहा हैं तुम्हे ही टूटकर ।।
रहना पास दिल से दिल जोड़कर ,
यूँ जाना ना मुह मोड़कर ।
माना हैं तुम्हे ही रब ,
जाना ना यूँ मुझे छोड़कर ।।
रह जाओ ना तुम मेरी होकर ,
खाये हैं हमने भी बहोत ठोकर ।
चाहूंगा न अब किसी और को ,
एक दिन पाऊंगा तुझे अपना सब कुछ खोकर ।।
वही सिसकती रात होगी ,
वही जलता बदन होगा ।
तड़पेगी हर करवटों में ,
जब जब उसके लबों पर मेरा नाम होगा ।।
फिर भर आएंगी घटा पलकों पर ,
फिर ख़यालों में बात होगी ।
जब जब लबों पर तेरा नाम होगा ,
तब तब पलकों से बरसात होगी ।।
फिर नई राह होगी
फिर नई बात होगी
फिर नया होगा हमदम
फिर नई रात होगी
फिर नई कहानी होगी
फिर नया घाव होगा
फिर बाहों में होगा कोई और
फिर नया रास होगा
फिर वो हरजाई होगी
फिर प्यार नीलम होगा
फिर तड़पेगी सच्चाई
फिर कोई बर्बाद होगा
फिर सोचेंगे लम्बी रातों में
फिर दीवारों से बाते होंगी
जब आएगी याद तेरी
फिर तारों से बात होगी
हमसे बिछड़कर तुझे चैन तो आया होगा ।
होंठो पर तेरे अब मुस्कान तो आया होगा ।।
सोती होगी चैन से रातों को ।
सुबह मस्ती का बादल तो छाता होगा ।।
उड़ती होगी अब तू खुले आसमान में ।
खुशियों का चरम सीमा तो पाया होगा ।।
तोड़ कर मेरा दिल सनम ।
तेरे पलकों से शबनम तो बरस आया होगा ।।
तरसता होगा दिल तेरा ।
जख्म फिर उभर तो आया होगा ।।
जब जब छुवा होगा उसने तुम्हे ।
होंठो पर नाम मेरा आया तो होगा ।।
Kal Aankh na Khuli to kya karoge
In wadiyo Mein Kho Gaya to kya karoge
Jeena Hai Toh Aaj Mein Hai Jee Lo
Ye Kal Aaya Hi Nahi To Kya Karoge
हाँथो में हाँथ चाहिए ,
प्यार भरी एक निगाह चाहिए ।
सलाम चाहिए नमस्ते चाहिए ,
जीने के लिए एकतेरा सुरूर चाहिए ।।
मैं ही सृष्टि ,
मैं ही दृष्टि ,
मैं ही अनंत ,
मैं ही परमानन्द ,
मैं ही जान ,
मैं ही जहान ,
मैं ही कर्ता ,
मैं ही भूतभर्ता
मैं ही अकाल ,
मैं ही त्रिकाल ,
मैं ही शिव ,
मैं ही महाकाल..!!
चाहत हैं बस तेरा दिदार हो ।
फिर चाहे मर जाऊ ।।
छू लू तुझे प्यार की निगाह से ।
फिर चाहे मर जाऊ ।।
हो हाथों में हाथ ।
फिर चाहे मर जाऊ ।।
प्यार से एक बोल बोल दो ।
फिर चाहे मर जाऊ ।।
चंद पल का राही हूँ कुछ पल में गुजर जाऊंगा ।
सजाकर नग़मे तेरे ख़यालों में मैं ठहर जाऊंगा ।।
मैं तेरी निशानियाँ अपने नग्मों में छोड़ जाऊंगा ।
मैं तेरा दिल अपनी तरफ मोड़ जाऊंगा ।।
हर शब्दों में होगा दिदार तेरा कुछ ऐसा लिख जाऊंगा ।
मैं तेरे प्यार में सनम हद से गुज़र जाऊंगा ।।
निकला हूँ तेरे दिल से न जाने अब किधर जाऊंगा ।
लगता हैं जैसे सनम मैं तड़प तड़प कर मर जाऊंगा ।।
पहले प्यार करती हैं , फिर ब्लॉक करती हैं ।
फेसबुक पर ये लड़कियां, बड़ा ही बवाल करती हैं ।।
प्यार का देकर झाँसा , पहले इकरार करती हैं ।
फिर ये धीरे धीरे दिल अपना , किसी और के नाम करती हैं ।।
छूप छूप कर इनबॉक्स में , किसी और से बात करती हैं ।
पूछो कौन हैं तो , साफ इंकार करती हैं ।।
सच्ची मोहब्बत समझकर फेसबुक पर न प्यार करना ।
"दोस्तों" ये लड़कियां तो सिर्फ हमसे टाइमपास करती हैं ।।
खेल कर दिल से , ये टाटा बाय बाय करती हैं ।
फेसबुक पर ये लड़कियां , बड़ा कमाल करती हैं ।।
दोस्तों एक राज , तुम्हे बतलाता हूँ।
प्यार से मैं , नौटंकी लाल कहलाता हूँ ।।
बड़े प्यार से रक्खा हैं ये नाम उसने।
जिससे हाले दिल कहने में शरमाता हूँ ।।
सोच कर उसे मैं ख्वाबों में।
मैं उसके यादों को बुलाता हूँ ।।
फिर बिठाकर मैं पास उसे ।
बड़े ही प्यार से सहलाता हूँ ।।
लिखकर कई ग़ज़ल नाम उसके ।
मैं खुद से दिल बहलाता हूँ ।।
कर के बात शायरियों से ।
मैं उसे गुन गुनाता हूँ ।।
बेदर्दी हैं वो पर बेवफा नहीं ।
मुझे पता हैं वो मुझसे खफा नहीं ।।
चंद रोज़ की दूरी जुदाई नहीं ।
मुझे पता हैं वो हरजाई नहीं ।।
आपकी सुंदर जोड़ी पर ,
चाँद सितारे भी जलने लगे ।
बिन रौशनी के भी ,
उम्मीदों के दिये जलने लगे ।।
देख ये जोड़ी कुदरत के ,
आँखों मे ख्वाब पलने लगे ।
बिन बादल के मन मे उसके ,
जैसे बरसात होने लगे ।।
आपके सालगिराह पर ,
देता हूँ आप दोनों को बधाई ।
फले फुले खुशियों से भरा रहे ,
जीवन आपका करता हैं यहीं दुआ ये भाई ।।
तूने भले अपनी मंज़िल बदल ली ।
पर मेरी तो अब भी मंज़िल तुम हो ।।
मोहब्बत की हैं कोई जिस्म फरोशी नहीं ।
मेरी पहली पसंद अब भी तुम हो ।।
Shadi Shuda Ho Kar Bhi main usse Pyar Karta Hoon
Yeh Gunah Main Har Baar Karta Hoon
Woh Kahe Toh Chod DU Mein Yeh Duniya
Kuch Is Tarah Se Main usse Pyar Karta Hoon
Aao chalo Sapno Ki Duniya Mein
Palkon Par Hum Chand sajate Hain
Tum Zara Muskurana
Hum Labo par Shabnam girate Hain
Le Kar Haathon Mein Haath
Chalo Ek Khwab Sa Jate Hai
Aankhon Mein Aankhen daal
Hum Pyar Jagat Hain
Chum kar Tere Labo Ko
Ham Rag Rag Me Aag Lagate Hai
Mausam Bhi hai Java
Chalo Ek Duje Mein Kho Jate Hain
बैठ ता था जिस प्यार की डाली पर ।
उस डाली ने आज इनकार कर दिया ।।
लगा कर खुद का रोग ।
आज उसने मुझे तबाह कर दिया ।।
अजानों में गूँजे , भजन राम का
मंदिर में गूँजे , नाम अल्लाह
सबके लबों पर हो नाम वाहेगुरु का
हर दिलों में बसे हो जीजस
आँख बंद करे तो दिखे तिरुपति
आँख खोले तो मरियम
हर दिल मे , हो प्यार की मूरत
न हो किसी से , किसी का बैर
मिटे फासला , ये जात पात का
हो इस दुनिया मे बस हम ही हम
कल रात बहोत देर तक ,
नींद टहल रही है मेरे आँगन में....
वो तेरा मुस्कुराना ,
रूठ जाना आ रहा था जहन में....
हकीकत में नहीं तो ,
ख्वाबो को ही पनाह दे दें.........
आ मेरी जान आ ,
अब तो इस राही को मंज़िल देदे....
वो मुझसे दूर हैं , पर वो बेवफा नहीं ।
हैँ वो ख़फ़ा ख़फ़ा , पर वो हमसे जुदा नहीं ।।
मेरी चाहत ही एक तरफा हैं ।
शायद इसलिए वो , मुझसे करती वफ़ा नहीं ।।
मैं कलम वो शब्द थी
मैं तब था जब वो संग थी
अब काहे की शायरी
अब काहे का प्यार
अब कौन से नग़मे
अब काहे का साज
छुटा उसका साथ
टूटा तेरा यार
कब तक यूँ शायरियों में हाल बयाँ करे ,
कब तक लिखकर शायरियों में यूँ इकरार करे ।
आओ देखो मेरा हर नज़्म ,
तुमसे प्यार का इज़हार करे ।।
बेदर्दी से बहेनो की इज़्ज़त लूटती रही ।
दूर खड़ी सरकार , तमाशा देखती रही ।।
"घर" "स्कूल" "दफ्तरों" में नारिया सिसकती रहीं ।
हर युग में नारी जुल्म सहती रही ।।
कौन देगा सहारा जब घर मे हीं लुटेरे हैं ।
अपनो के ही हाथों ये बार बार मरती रही ।।
दहेज़ के नाम पर ये बिकती रहीं ।
सर दीवारों से ये रोज फोड़ती रहीं ।।
हैवानियत के जाल में फसती रहीं ।
कर भरोसा ये सदा ही रोती रहीं ।।