हँसी तेरे गालो की ,
बिन बोले सब बोल गई !
राज छुपा था जो दिल में ,
सब राज खोल गई !
जो मन में बात थी ,
वो मुस्कान बोल गई !
दिल के अरमानों को ,
चुपके से बोल गई !
वो पल तेरे साथ का ,
मुझे दिवाना बना गई !
न जाने ये बंधन कैसा ,
दिल में तू समाती गई !
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