सुनी हैं महफ़िल सारी ,
सुना ये कारवाँ हैं !
पिने को अब बस ,
अँसुवो का शराब हैं !
गिरती हैं जब आँखों से ,
होती तभी बरसात हैं !
रात के इस उजालों में ,
यही शबनम यही शराब हैं !
सम्भाले रखना दोस्तों ,
यही मेरी पहेचान हैं !
मंजिल हैं आपका दिल ,
और पलको पे आशियाना हैं !
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