तूने इस दुनिया में हमें कुछ न दिया ,
फिर भी अपने हाल पर ख़ुश हू !
भूखा हू इस दुनिया में बे सहारा हू ,
कुछ नहीं देने को मेरे पास तुझे गणेशा !
हैं बस यहीं एक तन का कपड़ा ,
लो उसे भी तुझे अर्पण करता हू !
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