प्यार करे किसी और से ,
मज़े लेती कहि और !
इस प्यार के बाजार में ,
बिकते है जिस्म अनमोल !
लोग तरसे प्यार को ,
प्यार है बिन पैसे नही आती !
मिल जाता है सब कुछ ,
बिन पैसे आज वो नही आती !
प्यार कहि कर आती ,
शादी कहि और !
इस प्यार के झांसे में ,
कितनो को लूट आती !
आज हर कली ,
खुद ही फूल बन आती !
इस फैशन के नाम पर ,
अपना सब कुछ बेच आती !
शादी शुदा हो या कवारी ,
अपनी इज्जत खुद लुटा आती !
एक पाक रिश्ते को ,
हर बार कलंकित कर आती !
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