हर लफ़्ज मेरा अपना तजुर्बा हैं ,
यूँही कोई पहेचान नही बन जाती !
मेरे भी गीत को संगीत मिल जाता ,
तू जो मेरे गीत की पहेचान बन जाती !
मुझको जो तु नज़र भरकर देख लेती ,
तुझे मेरे प्यार की पहेचान हो जाती !
मेरे लफ़्ज की जो तुझे पहेचान हो जाती ,
शायद तुझे तुझी से मोहब्बत हो जाती !
कभी वख्त मिले तो मुझे पढ़ लेना ,
शायद तुझे तेरी पहेचान हो जाती !
आप सब लोंगो को कैसा लगा अपनी राय जरूर दे
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