सुबह की लाली हो और प्यार के अफ़साने ! ऐसे मौसम में हम , क्यों न हो सब दीवाने ! ये सूरज की लाली , जब आसमान में छाई ! सब के जीवन में फिर , खुशियों की रौशनी लाई ! संग पल सुहाने लाई , इसी हँसी ख़ुशी में ! आपके सलामती का , फिर मैंने दुआ फ़रमाई !
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