चाहा ना उनको इस कदर कभी ,
चाहा जो आज तो नियत ही बदल गई !
यु निगाह भर के देखा न कभी ,
देखा जोे निगाह भर के नियत ही बदल गई !
मिलती न थी उनसे यूँ निग़ाह कभी ,
मिली जो निगाह तो नियत बदल गई !
मिलते न थे वो हमें यु कभी ,
मिले जो आज तो नियत बदल गई !
चलते न थे इस कदर वो कभी ,
आज उनकी चाल पर नियत ही बदल गई !
निखरा न था यूँ हुस्न कभी ,
निखरा जो आज हुस्न तो नियत ही बदल गई !
यूँ अंगडाई लेते न थे कभी ,
ली जो आज अंगड़ाई तो नियत ही बदल गई !
यु पल भर पास बैठे न वो कभी ,
बैठे जो पास तो नियत ही बदल गई !
No comments:
Post a Comment