सफर कर राही के राह अभी बाकि हैं ,
तेरे सफर का अंजाम अभी बाकि हैं !
चलता चल सफर में तेरा इम्तहान अभी बाकि हैं ,
तेरे हिस्से का दर्द वो आखरी चुभन अभी बाकि हैं !
वो सफर वो राह वो अंजाम अभी बाकि हैं ,
उतारना हैं जो वो दूध का कर्ज अभी बाकि हैं !
मत कर मंजिल का इंतजार के तेरा सफर अभी बाकि हैं ,
तेरे पाव के छालो का करना हिसाब अभी बाकि हैं !
अभी तो तेरे जिंदगी के ख्वाब अभी बाकि हैं ,
तेरे हिस्से का वो आखरी चराग अभी बाकि हैं !
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