जिस्म से रूह का बंधन ,
एक दिन टूट जाना हैं !
साँसों से तन का बंधन ,
एक दिन छुटना हैं !
मौत का डर से कोई ना वास्ता ,
इसे लेकर जाना ही हैं !
कोई रिश्ता काम न आएगा ,
सारा यही धरा रहे जाएगा !
मौत के आगोश में जब तू जाएगा ,
फिर कभी न तू लौट कर आएगा !
इस बार जो सो गया ,
इस जहाँ में तू खो गया !
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