जिसे सोचते हैं अंत नही ये अंत , प्रारम्भ हैं प्रारम्भ यही तेरा प्रारम्भ ! फिर नया चोला नया दुनिया का मेला होगा , फिर दुनिया के भीड़ में खड़ा तू अकेला होगा !
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