ये जीवन हैं एक प्यारा भूल ,
अपने राहो के काँटों को भूल ,
चलते चलो कर्मो के पथ पर ,
अपने सारे दुश्मनी को भूल ,
क्यों की ?
जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !
यहां राह हैं तेरी काँटों भरी ,
नही इसमें कोई फूल ,
फिर भी सारे दुखो को भूल ,
हँस लो गा लो मौज मानलो ,
क्यो की ?
जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !
जात पात के ये लफ़ड़े छोड़ो ,
सभी धर्मो से तुम नाता जोड़ो ,
दिल से दिलों को तुम जोड़ो ,
यू न किसी का तुम दिल तोड़ो ,
क्यों की ?
जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !
सारा जग ही ये मोह माया ,
कौन है अपना कौन है पराया ,
एक ही डाली का ये खेल सारा ,
सभी से रक्खो तुम भाई चारा ,
क्यों की ?
जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !
ये जीवन नही कोई पैसो का खेल ,
आज यहा तो कल वहा ,
जो रूखी सुखी मिल जाए ,
बस उसीमे मौज मना ,
क्यों की ?
जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !
बस कहानियों में ही सुना हैं ,
जो मरते हैं वो फिर जन्म लेते हैं ,
हकीकत में किसने है देखा ,
आज में जी लो कल का क्या ,
क्यों की ?
जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !
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