Wednesday 5 August 2015

कोई किसी से रूठा हैं

कोई किसी से रूठा हैं ,
कोई किसी से छुटा हैं !
इस बेदर्द जमाने ने ,
सभी को बस लूटा हैं !
कोई कही नाराज हैं ,
कोई कही बर्बाद हैं !
इस जमाने में सभी ,
चोरो के सरदार हैं !
चेहरे पे नया चेहरा हैं ,
लगता जो अपना सा हैं !
मौका मिलते ही ,
सदा उसीने लूटा हैं !

No comments:

Post a Comment