बरसो से एक दर्द , सम्भाले रक्खा हैं ! होंठो पर सदा , हँसी सजाए रक्खा हैं ! मेरा जुर्म क्या था , बस इतना तो बता दो ! क्यों मुझे तूने , धोखे में रक्खा हैं !
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