Saturday 8 August 2015

सफर हैं दूर मगर

सफर हैं दूर मगर ,
एक ऐब से चलकर आया हूँ !
प्यार से मेरा कोई न वास्ता ,
एक आवारा राही हूँ !
आवारगी हैं काम मेरा ,
बस दिल तोड़ने मैं आया हूँ !
न कोई हैं अपना यहाँ ,
सब ठुकराकर आया हूँ !
बस मंजिल हैं मौत मेरी ,
उसे ही ढूंढने आया हूँ !

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