Wednesday 5 August 2015

अपने नही पास तो सपनो से दिल बहेलालो !

अपने नही पास तो ,
सपनो से दिल बहेलालो !
जीने से थक गए हो तो ,
लहरो से दिल बहेलालो !
मौसम नही चार पल ये ,
जो यूँही गुजर जाएंगे !
दिल टूट गया हैं तो ,
इन काँटों से दिल बहेलालो !
छुटा हैं अपनों का साथ तो ,
यादों से दिल बहेलालो !
पास नही मंजिल तो ,
पाँव के छालों से दिल बहेलालो !
बिखरे हुवे हैं सपनेे तो ,
अँसुवो से दिल बहेलालो !
कोई नही पास तो ,
अपने साए से दिल बहेलालो !

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